शुक्रवार, 22 अप्रैल 2011

लो अब एक और प्रकरण : सीडी का

साल २०११ की शुआत बड़ी रोचक और घोटालों को लेकर हुई यह वर्ष जब से आरम्भ हुआ तब से अब तक न जाने कितने तो घोटाले और जाने कितने प्रकरण सामने आ गये हैं ! अब एक और नया सीडी का ताज़ा मामला इन दिनों अखबारों की सुर्खिया बना हुआ है ! आखिर ये देश को चलने वाले यह बात कब समझेंगें की अब जनता जागरूक हो रही हे वेसे ये कहना तो ठीक न होगा की जागरूक हो रही हे जागरूकता तो हर उस पड़े लिखे व्यक्ति में हे जो आज अपने सपनो को किसी घोटाले या किसी भ्रष्ट अधिकारी के हाथों बलि चढ़ता देखकर भी उस पर प्रतिक्रिया नहीं करता हे! लेकिन अब जब प्रतिक्रिया की तो कई लोगों की जान आफत में दाल दी ! इसी पकंक्ति में अब सीडी मामला आज कल सभी चैनलों और अखबारों की हेड लाइन बना हुआ  है ! लेकिन ये मामला राजनीती का अपना माया जाल है इसमें फायदा व् नुक्सान दोनों ही राजनितिक लोगों का ही होगा आम जनमानस इससे प्रभावित तो होगा ही, क्योंकि ये सारा खेल जनता के हित में बनाने वाले बिल को रोकने की साजिश मात्र हे ! खैर ये सब लोग केवल अपना फायदा मात्र देखतें आये हे न की देश की जनता का, आज अगर देश के नागरिकों का कुछ अच्छा होने जा रहा हो  तो इनको भला ये केसे सहन होता क्योंकि इनको तो आदत जो पद  गई  हे मुफ्त का खाने की ! क्योंकि देश की जनता की मेहनत की कमाई तो ये मुफ्त खोर खा जातें हे लेकिन ये खातें तभी हैं जब इनको खाने दिया जाता है ! देश में आज पढ़े लिखों की कमी नहीं है लेकिन उसका देश के कानून और कानून बनाने वाले पर अब भरोसा ही कहाँ रहा हे जिस कारन हर पढ़ा  लिखा व्यक्ति किसी भी पचड़े में नहीं पड़ना चाहता, हमें अपने देश को अगर इन मुफ्त खोर अजगरों से बचाना हे तो हमें इन पचड़ों में पड़ना ही होगा तभी जाकर हम देश में फेले इन भ्रष्ट नेताओं से छुटकारा पा सकतें है ! किसी महाशय ने अपने एक ब्लॉग में लिखा था की आज कल तिहार जेल वी वी आई पी से भरा हुआ नजर आ रहा है, तो भाई इन लोगों को भी पता चलना चाहिए न की जेल केवल चोरों और उचाकों की रीयाइश  नहीं इसमें सभी कर्मों के लोग आतें हे और सुधर जातें हे, खैर ये लोग सुधरे न सुधरे लेकिन देश की जनता को इनके जेल पहुँचने पर देश की न्याय पालिका पर जरुर भरोसा आया होगा ! अंत में कहुगा, की चिंगारी अन्ना जी ने दी हे, अब इसको आग में तब्दील कर दो और देश से भ्रष्टाचार को हमेशा के लिए मिटा दो !

शुक्रवार, 8 अप्रैल 2011

एक और क्रन्तिकारी

देश ने ही नहीं दुनियां में भी जब भी कभी कही जुर्म, अन्याय, अत्याचार और भ्रष्टाचार ने अपनी सीमाएं लांघकर आम जन मानस के अधिकारों और उसके हक़ को निर्ममता से

सोमवार, 4 अप्रैल 2011